बालोतरा में घूमने लायक जगह दर्शनीय स्थल Places to visit in Balotra
बालोतरा में घूमने लायक जगह Places to visit in balotra
बालोतरा में देखने लायक जगह, बालोतरा में घूमने लायक जगह Balotra me ghumne ki jagah
बालोतरा, राजस्थान का एक नवगठित जिला जोधपुर संभाग का हिस्सा है। यह जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व, धार्मिक स्थलों और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है।
बालोतरा का इतिहास
बालोतरा बाड़मेर से अलग होकर 17 मार्च 2023 को अस्तित्व में आया और इसका उद्घाटन 15 अगस्त 2023 को हुआ। तत्कालीन पचपदरा विधायक मदन प्रजापत ने इसके लिए काफी संघर्ष किया था।
बालोतरा में घूमने के लिए फेमस स्थान
बालोतरा के दर्शनीय स्थल best palace in Balotra
यहाँ की लूनी नदी, पहाड़ियाँ और परंपरागत जीवनशैली इसे पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाती हैं। यदि आप राजस्थान के इस अनूठे जिले की सैर करना चाहते हैं, तो यहाँ कुछ प्रमुख घूमने योग्य स्थानों की जानकारी दी जा रही है:
1. पचपदरा झील
पचपदरा झील बालोतरा जिले का एक प्रमुख आकर्षण है। यह खारे पानी की झील है, जिसका निर्माण पंचा भील द्वारा करवाया गया था। यहाँ कोसिया विधि से नमक उत्पादन किया जाता है, जो खारवाल समुदाय की परंपरा का हिस्सा है।
झील के आसपास का शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य इसे पिकनिक और फोटोग्राफी के लिए आदर्श बनाता है। यहाँ से प्राप्त नमक में 98% सोडियम क्लोराइड होता है, जो इसे उच्च गुणवत्ता का बनाता है।
क्यों जाएँ?: प्राकृतिक सुंदरता और नमक उत्पादन की पारंपरिक प्रक्रिया को करीब से देखने के लिए।
2. पीपलूद: पश्चिमी राजस्थान का लघु माउंट आबू
बालोतरा जिले में स्थित पीपलूद को “पश्चिमी राजस्थान का लघु माउंट आबू” कहा जाता है। यह क्षेत्र छप्पन गुम्बदाकार पहाड़ियों से घिरा हुआ है और यहाँ सबसे अधिक वर्षा होती है।
इन पहाड़ियों की गोलाकार संरचना और हरियाली इसे एक खास पर्यटन स्थल बनाती है। यहाँ ग्रेनाइट और रायोलाइट जैसे खनिज भी पाए जाते हैं। ट्रेकिंग और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक शानदार जगह है।
क्यों जाएँ?: शांत वातावरण, ट्रेकिंग और पहाड़ी दृश्यों का आनंद लेने के लिए।
3. तिलवाड़ा पशु मेला
तिलवाड़ा, लूनी नदी के किनारे बसा एक गाँव, राजस्थान का सबसे प्राचीन पशु मेला आयोजित करने के लिए प्रसिद्ध है। यह मेला स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन करता है।
यहाँ पशु व्यापार के साथ-साथ लोक नृत्य, संगीत और हस्तशिल्प की प्रदर्शनी भी देखने को मिलती है। यह मेला आमतौर पर साल में एक बार आयोजित होता है और दूर-दूर से लोग यहाँ आते हैं।
क्यों जाएँ?: राजस्थानी संस्कृति और ग्रामीण जीवन को अनुभव करने के लिए।
4. जसोल गाँव
जसोल, बालोतरा जिले का एक प्रसिद्ध गाँव है, जो अपनी हस्तकला के लिए जाना जाता है। यहाँ हाथ से बनाए गए जिरोही और भाखला जैसे उत्पाद देखे जा सकते हैं। इसके अलावा यहाँ का जसोल माता मंदिर भी दर्शनीय है, जो स्थानीय लोगों के बीच आस्था का केंद्र है, जसोल माता को रानी भटियाणी एवं माजीसा के नाम से जाना जाता है। गाँव का शांत और पारंपरिक माहौल इसे एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है।
क्यों जाएँ?: हस्तकला की खरीदारी और धार्मिक स्थल के दर्शन के लिए।
5. पचपदरा रिफाइनरी
पचपदरा रिफाइनरी राजस्थान की पहली और भारत की 26वीं तेल रिफाइनरी है, जो बालोतरा जिले में स्थित है। यह HPCL और राजस्थान सरकार के सहयोग से स्थापित की गई है।
2025 के बजट में वित्त मंत्री दिया कुमारी ने कहा था कि पचपदरा रिफाइनरी अगस्त 2025 में शुरू करदी जाएगी।
यह देश की पहली इको-फ्रेंडली रिफाइनरी है, जो बीएस-6 मानक तेल का उत्पादन करती है। पर्यटकों के लिए यहाँ औद्योगिक प्रगति और तकनीक को समझने का अवसर मिलता है।
क्यों जाएँ?: औद्योगिक पर्यटन और आधुनिक तकनीक को देखने के लिए।
6. लूनी नदी
लूनी नदी बालोतरा जिले की जीवनरेखा है। यह नदी अपने मीठे और खारे पानी के लिए जानी जाती है। बालोतरा तक इसका पानी मीठा रहता है, लेकिन आगे चलकर यह खारा हो जाता है।
नदी के किनारे का प्राकृतिक सौंदर्य और आसपास के गाँवों का जीवन इसे एक शांतिपूर्ण स्थान बनाता है। यहाँ नदी के किनारे सैर करना या फोटोग्राफी करना बेहद सुखद अनुभव हो सकता है।
क्यों जाएँ?: नदी किनारे शांति और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेने के लिए।
बालोतरा में घूमने का सबसे अच्छा समय
बालोतरा की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है, जब मौसम ठंडा और सुखद रहता है। गर्मियों में यहाँ का तापमान बहुत अधिक होता है इसलिए गर्मी से बचना बेहतर है।
बालोतरा कैसे पहुँचें?
रेल मार्ग: बालोतरा रेलवे स्टेशन जोधपुर-बाड़मेर रेल लाइन पर स्थित है और अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग: बालोतरा जोधपुर, बाड़मेर और जैसलमेर से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। नियमित बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर में है, जो बालोतरा से लगभग 100 किलोमीटर दूर है।