बलूची विद्रोहियों ने पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक की, 400 से अधिक बंधक
बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर 400-500 यात्रियों को बंधक बना लिया। हमलावरों ने बलूच कैदियों की रिहाई की मांग की है। पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई में 27 हमलावरों को ढेर किया और 155 से अधिक बंधकों को छुड़ाया। स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA), एक अलगाववादी संगठन, ने क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला कर इसे हाईजैक कर लिया। इस हमले में 400 से 500 यात्रियों को बंधक बनाया गया, और सुरक्षा बलों के साथ चल रही मुठभेड़ में अब तक 27-30 हमलावर मारे जा चुके हैं।
हमले की शुरुआत
यह खौफनाक घटना सिबी के पास एक पहाड़ी इलाके में उस समय शुरू हुई, जब BLA के हथियारबंद लड़ाकों ने रेलवे ट्रैक पर विस्फोट कर ट्रेन को रोक दिया। ट्रेन टनल नंबर 8 में फंस गई, और हमलावरों ने तुरंत ट्रेन पर कब्जा कर लिया। सूत्रों के अनुसार, हमलावरों ने ट्रेन ड्राइवर को गोली मार दी और यात्रियों को डराने के लिए हवाई फायरिंग शुरू कर दी। BLA ने दावा किया कि उनके पास 182-214 बंधक हैं, जिनमें ज्यादातर सैन्य और पुलिस कर्मचारी शामिल हैं।
BLA की मांगें
हमलावरों ने साफ शब्दों में कहा कि वे बलूच राजनीतिक कैदियों और लापता लोगों की रिहाई चाहते हैं। उन्होंने पाकिस्तान सरकार को 48 घंटे का समय दिया है, यह चेतावनी देते हुए कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे बंधकों की हत्या शुरू कर देंगे। हाल ही में सेना की कार्रवाई के जवाब में, BLA ने 10 बंधकों को मारने की धमकी भी दी है।
सुरक्षा बलों का जवाब
पाकिस्तान सेना और पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू की। हेलीकॉप्टरों और भारी हथियारों के साथ शुरू किए गए बचाव अभियान में अब तक 155-190 बंधकों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। मुठभेड़ में 27-30 हमलावर मारे गए हैं, लेकिन आत्मघाती बमवर्षकों की मौजूदगी ने स्थिति को और खतरनाक बना दिया है। सेना ने इलाके को घेर लिया है, लेकिन कुछ हमलावर बंधकों के साथ पहाड़ों में छिप गए हैं।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा, “हम आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में पीछे नहीं हटेंगे। हर बंधक की जान हमारे लिए कीमती है।” वहीं, आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने हमलावरों को “देश के दुश्मन” करार दिया।
यात्रियों की आपबीती
बचाए गए यात्रियों ने उस भयानक मंजर का जिक्र किया। एक यात्री, रहीम खान ने बताया, “हमलावरों ने हमें सीटों से खींचकर बाहर निकाला। वे चिल्ला रहे थे कि सैनिकों को बाहर निकालो। मेरे पास कोई रास्ता नहीं था, मैंने अपनी बीमारी का बहाना बनाया, तो मुझे छोड़ दिया।”
एक महिला यात्री ने कहा, “उन्होंने बच्चों को रोते देखा और हमें जाने दिया, लेकिन मेरे पति अभी भी उनके कब्जे में हैं।”