यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने की तैयारी
रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने एक ऐसी घोषणा की , जिसके बाद दुनिया भर में रूस और यूक्रेन के मध्य युद्ध होने की प्रबल संभावना जताई जा रही है।
दरअसल रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने डोनेत्स्क (Donetsk) और लुहांस्क (Luhansk) को स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी है , हालांकि यह दोनों शहर रूस का हिस्सा नहीं थे , बल्कि यह दोनों शहर यूक्रेन का हिस्सा थे । पुतिन ने सोमवार को देश के नाम संबोधन में इसका ऐलान किया एवं पुतिन ने यूक्रेन को अमेरिका का उपनिवेश बताते हुए कहा कि यूक्रेन की शासन व्यवस्था अमेरिका के हाथों की कठपुतली है ।
रूस के इस फैसले से युक्रेन पर उसकी आक्रमण की व पश्चिम देशों के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
पुतीन यह घोषणा भी की कि मास्को समर्थित विद्रोहियों एवं युक्रेन बलों के बीच संघर्ष के लिए रूस के सैन्य बल एवं हथियार भेजने का रास्ता हो गया है।
पुतिन की सेना भेजने के आदेश के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने आपात बैठक बुला ली है। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थाई प्रतिनिधि पीएस तिरुमूर्ति ने बताया कि रूसी संघ के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता हुआ मामला चिंताजनक है एवं दोनों देशों को संयम बरतना चाहिए। टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि 20,000 से ज्यादा भारतीय नागरिक एवं छात्र वर्तमान में यूक्रेन में रह रहे हैं उन सभी की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी प्राथमिकता है।
दोनों के बीच लगातार बढ़ रही मामले को देखते हुए भारत ने भी अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए 200 से ज्यादा सीटों वाली ड्रीमलाइनर बी 787 विमान को तैनात कर दिया है । यह विमान यूक्रेन से 256 भारतीय यात्रियों को लेकर वापस देश लौटेगा एवं जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि यह विमान आज रात 10:15 पर भारत पहुंच जाएगा ।
दोनों देशों के बीच स्थिति और खराब होने के बाद भारत और विमानों को यूक्रेन से नागरिकों को वापस लाने के लिए तैनात कर सकता है।
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