सावरकर का माफीनामा ? जान लीजिए सावरकर के बारे में , कांग्रेस हमेशा क्यों रहती है हमलावर

3 Min Read

सावरकर का माफीनामा ? जान लीजिए सावरकर के बारे में , कांग्रेस हमेशा क्यों रहती है हमलावर

भारत छोड़ो यात्रा में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी ने देश के स्वतंत्रता सेनानी रहे विनायक दामोदर सावरकर की महाराष्ट्र में आलोचना की ।

लेकिन जान लेते हैं कि सावरकर आखिर कौन थे और उनके माफीनामें को लेकर कांग्रेस बार-बार उन पर सवाल क्यों खड़े करती है ?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी मीडिया के सामने एक सावरकर का माफीनामा दिखाते हुए सावरकर की आलोचना करते नजर आए। इसके बाद 17 नवंबर को सावरकर के पोते ने राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया है।

बता दें कि इस सावरकर अंग्रेजों के शासनकाल में करीब 15 साल तक जेल में रहे थे एवं इनमें से काले पानी की सजा भी मिली थी अंग्रेजी हुकूमत अपने लिए वीर सावरकर को खतरनाक मानता था एवं इसीलिए सावरकर को अंडमान निकोबार द्वीप समूह में रखा गया ‍‍, लेकिन अब सवाल आता है कि जेल तो जवाहरलाल नेहरू जैसे नेता भी गए थे , लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसे नेताओं को जेल में भी अनेक सुख सुविधाएं मिलती थी । राहुल गांधी एक तरफ वीर सावरकर के बार-बार आलोचनाएं करते नजर आ रहे हैं तो देश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा गांधी ने भी सरकार की प्रशंसा की थी एवं उन्होंने भी माना था कि जब वे अंडमान निकोबार द्वीप समूह में सजा काट रहे थे , तब अंग्रेजों ने उन पर जुल्म किए।

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में इस प्रकार के बयान देकर कांग्रेस के लिए एक नया विवाद जरूर खड़ा कर दिया , एवं इसी के परिणाम में राहुल के कांग्रेस के सहयोगी रह चुके शिवसेना के उद्धव ठाकरे ने भी राहुल गांधी के बयान से दूरी बना ली है। मराठी संस्कृति में वीर सावरकर की कविताएं एवं विचार काफी लोकप्रिय है।

शायद राहुल गांधी यह नहीं जानते होंगे कि सावरकर ने देशभक्ति के लिए 6000 कविताएं लिखी थी , सावरकर के भाई पर भी अंग्रेजों ने कई जुल्म किए।

यह भी पढ़ें सात बेटियों के मां-बाप और इकलौते भाई की हादसे में मौत , लोगों ने मदद के लिए दो करोड़ से भी ज्यादा रुपए जुटाए

वैसे देखा जाए तो आजादी के बाद 50-60 वर्षों में सरकारी संस्थाओं के नाम एक ही परिवार के मेंबर्स के नाम पर रखे गए , यानी कि इस परिवार के योगदान के सामने भगत सिंह , सुभाष चंद्र बोस , चंद्रशेखर , सुखदेव जैसे क्रांतिकारियों का योगदान भी कम आंका जाता है।

Share This Article
Exit mobile version