विवाह के प्रकार
विवाह के प्रकारों का वर्णन , विवाह के प्रकार
नमस्कार साथियों आज हम बात करने वाले हैं , विवाह के प्रकार के बारे में ।
विवाह क्या होता है ?
समाज , धार्मिक-सांस्कृतिक के नियमानुसार पुरुष स्त्री का मिलन या फिर जीवनसाथी बनना विवाह कहलाता है।
अब हम बात करते हैं कि विवाह के प्रकार कितने होते हैं?
हमारे समाज में आठ प्रकार के विवाह वर्तमान में प्रचलित है।
- ब्रह्म विवाह -इस विवाह में लड़की के पिता द्वारा लड़की की सुयोग्य वर की तलाश करके सुयोग्य वर से शादी करवाई जाती है। भारत में वर्तमान में भी सबसे ज्यादा विवाह इसी श्रेणी में होते हैं।
- देव विवाह – किसी सेवा धार्मिक कार्य या मूल्य के रूप में अपनी कन्या को किसी विशेष वर को दे देना ‘दैव विवाह’ कहलाता है। यानी कि यज्ञ करने वाले पुरोहित आदि से शादी करना
- प्रजापति विवाह – लड़की की सहमति के बिना उसका विवाह वर से कर देना प्रजापत्य विवाह कहलाता है।
- आर्ष विवाह – शादी के अंतर्गत लड़की के दामाद से धनराशि लेकर विवाह किया जाता था। पुराने समय में गाय या बैल के बदले में बेटी की शादी
- पिशाच विवाह – किसी लड़की से जबरन बलात्कार करके बाद में सजा से बचने के लिए उससे की गई शादी पिशाच विवाह कहलाता हैं। यानी किसी लड़की को बदनाम करने के बाद की गई शादी। मनुस्मृति में इसे सबसे खराब नीति का विवाह बताया गया है। यानी कि यज्ञ करने वाले पुरोहित आदि से शादी करन
- गंधर्व विवाह – माता-पिता की सहमति के बिना केवल लड़की की इच्छा के अनुसार किया गया विवाह गंधर्व विवाह कहलाता हैं। वर्तमान में भारत में इसका प्रचलन होने लगा है , हालांकि प्राचीन समय में भी होते थे लेकिन ना के बराबर।
- असुर विवाह – वर पक्ष को धन देकर कन्या का विवाह करना असुर विवाह कहलाता हैं। जिसे हम लोग सामान्य भाषा में दहेज कहते हैं।
- राक्षस विवाह – पुराने समय में आपने देखा होगा कि राजाओं द्वारा युद्ध करके किसी दूसरे राजा की बेटी या पत्नी को बलपूर्वक उठाकर ले जाकर शादी कर दी जाती थी एवं वर्तमान में भी अपराधी प्रवृत्ति के लोग किसी लड़की को बलपूर्वक उठाकर ले जाते हैं एवं शादी कर देते हैं।