Whitener kaise banta hai ( व्हाइटनर कैसे बनता है )
अक्सर हमारे द्वारा कुछ लिखते वक्त कुछ गलती हो जाती है , और हमारे से कुछ गलत लिखा जाता हैं , तो हम व्हाइटनर का यूज करते हैं।
वैसे तो व्हाइटनर के बारे में लगभग सभी लोग जानते हैं , लेकिन जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि वाइटनर से हम कुछ भी गलत लिखा हुआ अक्सर मिटा सकते हैं , यानी कि व्हाइटनर का रंग सफेद होता है और जैसा की आपको विदित है कि जिस पेज पर हम लिखते हैं अक्सर वह पेज भी सफेद ही होते हैं , तो हमारे द्वारा अगर कोई अक्षर गलत लिखा जाता है तो आप उसी अक्षर पर व्हाइटनर से दोबारा लिखते हैं , तो पहले से लिखा हुआ अक्षर मिट जाता है ।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि व्हाइटनर कैसे बनता है ? (Whitener kaise banta hai )
वैसे सामान्यतः व्हाइटनर को हम अपने घर पर नहीं बना सकते क्योंकि व्हाइटनर में कई प्रकार के केमिकल उपयोग में लिए जाते हैं एवं व्हाइटनर में सफेद रंग भी उपयोग में लिया जाता है ।
व्हाइटनर के नुकसान
लेकिन पिछले साल व्हाइटनर के बारे में कुछ चौकाने वाले मामले सामने आए , दरअसल पुलिस को सूचना मिली की विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र व्हाइटनर से नशा करते हैं इसके बाद जब पुलिस ने जांच की , तो सही पाया गया कि स्कूली बच्चे व्हइटनर से नशा करते हैं ।
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अपने माता-पिता से व्हाइटनर मंगवा लेते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिलकर व्हाइटनर ( Whitener ) के ऊपर का ढक्कन खोल कर व्हाइटनर को लंबी तेरी तक सुघंते रहते हैं ।
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एवं ऐसा करने के पीछे बच्चे मानते हैं कि उन्हें दिमाग में शांति मिलती है , लेकिन एक स्टडी के अनुसार व्हाइटनर को सूंघने से कुछ केमिकल हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं और वह हमारे ब्रेन व हृदय पर सीधा प्रभाव डालते हैं।
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व्हाइटनर कैसे बनता है ?
व्हाइटनर केमिकल एवं सफेद कलर को मिलाकर बनाया जाता है।
व्हाइटनर के क्या क्या नुकसान है ?
व्हाइटनर अक्सर बच्चे एक नशे के रूप में उपयोग करते हैं , और व्हाइटनर को सूंघने के काम में लेते हैं।