अशोक गहलोत व वसुंधरा राजे का गठबंधन : आखिर कितनी सच्चाई , अपना संकटमोचक बताकर राजे के लिए खड़ी की मुसीबत
अशोक गहलोत ने वसुंधरा को अपना संकटमोचक बताकर , राजे के लिए खड़ी की मुसीबत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भरतपुर में महंगाई राहत कैंप के शिविर के कार्यक्रम में दिया गया एक बयान जयपुर से दिल्ली तक चर्चा में है। मुख्यमंत्री गहलोत ने इस कार्यक्रम में कहा कि 2020 में पायलट खेमें के विधायकों ने अमित शाह से रुपए लिए थे एवं उन रुपयों को अब वापस लौटाया जाए , मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अगर विधायकों ने भी रुपए खर्च कर दिए हैं तो वो कांग्रेस आलाकमान से रुपयों की व्यवस्था कर देंगे। , गहलोत ने कहा कि उस समय उनकी सरकार को वसुंधरा राजे , कैलाश मेघवाल एवं शोभारानी कुशवाहा ने बचाया था ।
राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी के तीन बड़े नेताओं का नाम लेकर बीजेपी के खेमे में भी हलचल पैदा कर दी है। क्योंकि एक तरफ अशोक गहलोत कांग्रेस विधायकों को खरीदने के लिए अमित शाह को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ वसुंधरा राजे को सरकार बनाने के लिए धन्यवाद भी कर रहे है।
इधर सचिन पायलट खेमें के विधायकों का कहना है कि उन्होंने बीजेपी से या अमित शाह से कोई रुपए नहीं लिए थे एवं मुख्यमंत्री गहलोत झूठे बयान दे रहे हैं।
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लेकिन बयानबाज़ियों में सच्चाई कितनी है यह तो अभी तक पता नहीं है लेकिन बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत के बयान के बाद भाजपा आलाकमान ने इस बयान को गंभीरता से लिया है ।
मुख्यमंत्री गहलोत के इस बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि गहलोत चुनाव से हारने के डर से झूठ फैला रहे हैं। मुख्यमंत्री गहलोत जितना उनका कोई अपमान नहीं कर सकता।
वसुंधरा राजे का नाम लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने भाजपा में हलचल मचा दी है एवं इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे सीएम चेहरे की तैयारी कर रही हैं।