बेनीवाल जाति का इतिहास | Beniwal Jati ki History
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जाट जाति में बेनीवाल गोत्र के इतिहास के बारे में बात की जाए तो बेनीवाल जाति का इतिहास काफी गौरवपूर्ण रहा है बताया जाता है कि बेनीवाल जाति की 360 गांव की एक खाप थी , जो कि चुरू , जयपुर एवं मथुरा के क्षेत्र में फैली हुई थी ।
बताया जाता है कि बेनीवाल नाम के पीछे जाट शासन के लेखक कपिल सिंह दहिया लिखते हैं उसे समय इनको बेनई के नाम से जाना जाता था , बेनई शब्द के पीछे कई कोई ठोस वजह इतिहास की किताबों में नहीं मिलती है।
बेनीवाल जाति की बात की जाए तो इसमें प्रदेश में नारायण बेनीवाल कई बार विधायक एवं मंत्री रह चुके हैं , राजस्थान की लूणकरण से विजेंद्र बेनीवाल कई बार विधायक रह चुके हैं , कमला बेनीवाल राजस्थान के उपमुख्यमंत्री एवं गुजरात के राज्यपाल रह चुकी है ।
हरियाणा के विजेंद्र सिंह बेनीवाल एवं प्रीति बेनीवाल अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर रह चुके हैं , नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख एवं कई बार विधायक रह चुके हैं , बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल खींवसर से विधायक रह चुके हैं। लूणकरणसर से भीमसेन चौधरी बेनीवाल 6 बार विधायक रह चुके हैं।
विद्या बेनीवाल कई बार विधायक रह चुके हैं एवं रन सिंह बेनीवाल भी कई बार सांसद रह चुके हैं।
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बेनीवालों के मुख्य निवास स्थानों की बात की जाए तो राजस्थान के चुरू , जोधपुर , बाड़मेर ,जयपुर , झुंझुनू , नागपुर , हनुमानगढ़ , श्री गंगानगर , चित्तौड़गढ़ , करौली , सवाई माधोपुर एवं मध्य प्रदेश की नीमच , मानसर , रतलाम , राजगढ़ , धार , हरदा , शिवपुरी , इंदौर , देवास , उज्जैन , उत्तर प्रदेश के बिजनौर , मुजफ्फरनगर , शामली , मथुरा , बरेली एवं हरियाणा के पानीपत , करनाल , भिवानी , सिरसा एवं महाराष्ट्र के नासिक पटियाला , मोगा , फिरोजपुर , दिल्ली के पीतमपुरा उत्तराखंड के हरिद्वार के आसपास बेनीवाल जाति के लोग रहते हैं।