कांग्रेस विधायक जुबेर खान का निधन, अब 7 सीटों पर होंगे उपचुनाव
अलवर के रामगढ़ से विधायक जुबेर खान का शनिवार सुबह निधन हो गया, अलवर शहर ढाई पेडी स्थित खुद के फॉर्म हाउस पर अंतिम सांस ली।
जुबेर खान के जनाजे को आज असर की नमाज के बाद सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
जुबेर खान पिछले 1 साल से काफी बीमार रहते थे, उन्होंने 1 साल पहले लिवर ट्रांसप्लांट करवाया था। लोकसभा चुनाव के दौरान अधिक भाग दौड़ से तकलीफ बढ़ गई थी इसके बाद तबीयत बिगड़ती गई।
जुबेर खान की पत्नी भी राजनीति में सक्रिय
जुबेर खान की प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान में हुई, और इसके बाद दिल्ली से आगे की पढ़ाई की।
जुबेर खान के दो बेटे हैं दोनों एमबीए हैं। जुबेर खान की पत्नी साबिया जुबेर राजनीति में सक्रिय है, रामगढ़ से विधायक भी रह चुकी हैं।
जुबेर खान के पिता बागसिंह अलवर के माचड़ी गांव के सरपंच रह चुके हैं।
चार बार विधायक रहे जुबेर खान
जुबेर खान पहली बार 1990 के विधानसभा चुनाव जीते, इसके बाद 1993, 2003 और 2023 में विधायक रहे।
2002 से 2005 तक अलवर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे, 2013 में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव बने.
जुबेर खान अपनी पढ़ाई के दौरान जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी दिल्ली में राजनीति में एक्टिव हो गए और यहां से अध्यक्ष चुने गए।
इसी दौरान राहुल गांधी से जुबेर खान की मुलाकात हुई और गांधी परिवार से नजदीकियां बढ़ गई, इसके बाद राजीव गांधी के साथ चार्टर में चुनाव प्रचार के दौरान काफी बार दिखे, राजीव गांधी ने उन्हें एनएसयूआई का राष्ट्रीय सचिव बनाया था।
जुबेर खान ने प्रियंका गांधी के साथ भी काम किया है, प्रियंका गांधी के उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव रहने के दौरान जुबेर खान उनके साथ सहप्रभारी सचिव रहे।