तालिबान के आतंकवादियों ने अफगानिस्तान पर तो कब्जा कर लिया है।
अब कूटनीतिज्ञों के मन में सवाल हैं ‘तालिबान की नजर कश्मीर पर है या नहीं?’
ये सवाल भले ही आपको अजीब लगे लेकिन आतंकवादियों का कोई भरोसा नहीं होता न जाने उनकी मीटिंगों में कितनी बार जम्मू-कश्मीर का जिक्र होता होगा।
हाल ही में जांच एजेंसी ए एन आई की रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार व रक्षा मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी हैं। सरकार ने जम्मू-कश्मीर की ओर अपना ध्यान आकर्षित कर दिया हैं, पिछले दिन जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी बयान दिया था कि भारत की सरकार समय रहते जम्मू कश्मीर में हटाई ही गई धाराओं को वापस लागू करें अन्यथा इसका अंजाम उन्हें भुगतना होगा। महबूबा ने यह भी कहा कि इसका ताजा उदाहरण तालिबान और अफगानिस्तान को देख लें। साथ ही मुफ्ती ने सरकार को और भी आड़े हाथों लिया।
यूं तो तालिबान ने कहा कि कश्मीर दो देशों का आंतरिक मामला है इसमें तालिबान किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगा लेकिन जो अपनी बात से ना मुखरे वह तालिबानी ही कैसा ?
लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन तालिबान के समर्थन में अफगानिस्तान में पूरी तरह से ताकत लगाकर सक्रिय हैं।
फिर सोचने वाली बात यह भी है कि पाकिस्तान के आतंकी बिना लालच तो तालिबान के समर्थन में अपनी जान दांव पर लगाकर अफगानिस्तान में कैसे घुस सकते हैं।
लेकिन भारत के रक्षा मंत्रालय ने तत्काल फुर्ती दिखाते हुए जम्मू कश्मीर पर विशेष नजर रखना शुरू कर दिया है। जिससे निश्चित ही भारत को लाभ होगा।
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