खोखर जाट जाति का इतिहास . Khokhar Jaat jati History Hindi
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जाट जाति के अंतर्गत आने वाली खोखर गोत्र जाति इतिहास की बात की जाए तो कहा जाता है कि भारत में आए आक्रमणकारी मोहम्मद गोरी खोखर जाति के व्यक्ति ने ही मारा था ।
इस जाति का विशेष कर मथुरा एवं अलीगढ़ के आसपास निवास है एवं मथुरा व अलीगढ़ में इस जाति की खाप के 52 गांव हैं एवं मुरादाबाद में 24 गांव इसी खाप के होने की वजह चौबीसी कहा जाता है।
खोखर जाति के पंजाब में निवास स्थल असीरपुर , फरीदकोट , भटिंडा , गुरदासपुर , लुधियाना , मनसा , रूप नगर एवं संगरूर है। राजस्थान में जयपुर , अलवर , श्रीगंगानगर , सीकर, जोधपुर , नागौर , पाली , टोंक , उदयपुर , झालावाड़ , दौसा ,चूरू , हनुमानगढ़ इत्यादि स्थानों पर इस जाति के लोग रहते हैं।
एवं हरियाणा के रोहतक सोनीपत एवं पानीपत स्थलों पर खोखर जाति के लोग बहुत आयात मात्रा में देखे जा सकते हैं दिल्ली के आसपास भी जाति के लोग सामान्य जनसंख्या में रहते हैं।
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उत्तर प्रदेश में आगरा बागपत , मथुरा एवं मुजफ्फरनगर क्षेत्र में खोखर जाति के लोग काफी संख्या में रहते हैं ।
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यह गोत्र का भी पुरानी होने की वजह से इसका स्पष्ट इतिहास तो किताबों में दर्ज नहीं मिलता है, एवं इसी वजह से विभिन्न संभावनाओं पर होकर खोखर जाति का इतिहास टिका हुआ हैं।
इस जाति के कई व्यक्ति राजनीति , बिजनेस एवं अन्य क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध हुए हैं।