COP के उद्देश्य क्या हैं, हर साल होता हैं सम्मेलन
COP यानी कि Conference of the Parties, इसका सबसे लेटेस्ट 28वां सम्मेलन, जो कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण समझौते के अधीन UAE में सम्पन्न हुआ। यह सम्मेलन विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को एकत्रित करता है ताकि उन्हें जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों पर चर्चा करने और समझौतों पर सहमति प्राप्त करने का मौका मिले, इस सम्मेलन में दुनिया भर के देशों के प्रतिनिधि पर्यावरण एवं जलवायु पर चर्चा करते हैं एवं दुनिया में बढ़ते तापमान को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात करते हैं।
COP के मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के संबंध में विभिन्न देशों के बीच सहमति और सहयोग को प्रोत्साहित करना है।
कॉप (COP) की हर साल के अंत में बैठक होती है और इन बैठकों में पर्यावरण के मुद्दों पर करीब 195 देश के प्रतिनिधि शामिल होकर दुनिया बचाने की बात करते हैं।
COP के उद्देश्य क्या है
- ग्लोबल और स्थानीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझना व पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने में हुई प्रगति के बारे में मूल्यांकन करते हैं।
- जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अधिक एफ़ीशियंट और अधिक प्रभावी उपाय ढूंढ़ने का प्रयास किया जाता हैं।
- प्रगतिशील और उद्योगी नीतियों का विकास करना जो जलवायु परिवर्तन को कम करने और संज्ञान में लेने में मदद करें।.
- पर्यावरणीय अनुकूल ऊर्जा स्रोतों का प्रयोग बढ़ाना और अधिकांश लोकों को ऊर्जा विवेकपूर्ण बनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
- वन्य जीवन की संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के सही उपयोग को बढ़ावा देना।
- 2030 तक वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई का निर्धारण करना।
- उत्सर्जन में कमी करने के प्रयास करना, विकासशील और गरीब देश की आर्थिक रूप से सहायता करके इन देशों में भी कार्बन उत्सर्जन को कम करना
- इन सम्मेलनों में विकासशील देशों को प्रतिनिधि के रूप में आगे करके तकनीकी एवं वित्तीय सहायता प्रदान करने की जिम्मेदारी
- जलवायु परिवर्तन संबन्धित मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय रूप से सभी देशों के बीच आपसी सहयोग की भावना रखता
COP28 30 नवंबर से 12 दिसंबर 2023 तक दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित किया गया था, इस सम्मेलन में दुनिया भर सभी देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे एवं जलवायु परिवर्तन को लेकर सकारात्मक चर्चा की गई।
COP के पेरिस सम्मेलन में हुए समझौतों के बारे में स्थिति जानी गई एवं जलवायु परिवर्तन के मुख्य कारक देश को भी समझौतों में सहयोग की अपील की गई।